show episodes
 
"बुद्धिमान व्यक्ति अपने दिमाग का मालिक होता है और मूर्ख इसका गुलाम" दोस्तों, "अगर आपका स्वयं पर पूरा नियंत्रण है, तो आपको वह क्षमता हासिल होगी जिसे बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं।” दोस्तों आगे बढ़ो और खुद के नज़रो में उठो, जिस दिन आप खुद के नज़रो में उठ गए उस दिन आप दुनिया के नज़रो में अपने आप उठ जाओगे।
  continue reading
 
This Hindi Podcast brings to you in-depth conversations on politics, public policy, technology, philosophy and pretty much everything that is interesting. Presented by tech entrepreneur Saurabh Chandra, public policy researcher Pranay Kotasthane, and writer-cartoonist Khyati Pathak, the show features conversations with experts in a casual yet thoughtful manner. जब महफ़िल ख़त्म होते-होते दरवाज़े के बाहर, एक पुलिया के ऊपर, हम दुनिया भर की जटिल समस्याओं को हल करने में लग जाते हैं, तो हो जाती है ...
  continue reading
 
Loading …
show series
 
High price of land in India has made housing unaffordable for a majority of urban Indians, who have no option but to live in congested slums or unauthorized housing. While this is a burning issue for the public, it hasn’t received enough policy attention. What can be a long term solution to provide good, legal and affordable housing to more Indians…
  continue reading
 
This week we have a fun chat where we discuss a range of topics and mark them as overrated, underrated or complicated! Listen in and tell us what you think! Oh! and this week we have a few contest announcements to make. If you are interested, do check out the details here. We discuss: * Schooling in mother tongue * Jugaad * Going to a good college …
  continue reading
 
दुनिया में बदलते आंतरराष्ट्रीय समीकरणों के चलते भारत और यूरोपीय संघ के बीच बेहतर संबंधों के आसार नज़र आ रहे हैं, पर भारत में यूरोपीय संघ के बारे में चर्चा कम ही होती है। इसीलिए हमने सोचा कि इस विषय पर किसी विशेषज्ञ से बात की जाए। इस एपिसोड पर हमारे साथ पुलियाबाज़ी के लिए जुड़ रही है गरिमा मोहन जो जर्मन मार्शल फंड ऑफ़ यूनाइटेड स्टेट्स में सीनियर फेलो है…
  continue reading
 
इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर और एक सफ़रनामा। इस बार चलिए करते हैं जापान की सैर। ३.५ करोड़ की आबादी वाला शहर टोक्यो कैसे चलता है? एटॉमिक बम से धराशयी होने वाला शहर हिरोशिमा आज कैसा दीखता है? जापान के अद्यतन पब्लिक ट्रांसपोर्ट से भारत क्या सीख सकता है? We discuss: * Public Transport in Japan * Innovation in public transport funding * Land readjustment for ur…
  continue reading
 
This week on Puliyabaazi, a fun conversation with tech reporter Shephali Bhatt on the fast changing world of internet trends and creator economy. We discuss: * How has internet culture changed over time? * Reel ki Duniya * Fan following is the new currency * Is social media an essential part of doing business? * Is phone addiction increasing or dec…
  continue reading
 
इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर चर्चा राजद्रोह जैसे गंभीर विषय पर। राजद्रोह आखिर होता क्या है? अक्सर इस शब्द को लेकर हमारी समझ कुछ उलझी सी रहती है। एंटी-नेशनल शब्द को लेकर भी ऐसा ही हाल है। पर पोलिटिकल साइंस में इन शब्दों का एक विशिष्ट अर्थ होता है जिसे समझने से इस मुद्दे पर कुछ रोशनी डाली जा सकती है। तो आइये राजद्रोह बनाम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बहस के…
  continue reading
 
नमस्ते, पुलियाबाज़ी में आज हम एक हटके विषय पर चर्चा करेंगे—युद्ध में हाथियों का प्रयोग। यह विषय हमें काफी इंटरेस्टिंग लगा, तो हमने सोचा कि क्यों न इस पर आदित्य रामनाथन से बात की जाए। आदित्य तक्षशिला इंस्टीटूशन के साथ एसोसिएट फैलो हैं और मिलिटरी हिस्ट्री में गहरी दिलचस्पी रखते हैं। इस पुलियाबाज़ी पर चर्चा इतिहास के उस दौर की जब भारत एक ‘आर्म्स एक्सपोर…
  continue reading
 
This week on Puliyabaazi, we take a leap of imagination into the world of the future. With ever increasing AI adoption and automation, is a jobless world imminent? What will be the nature of jobs for humans in such a world? How will human society cope with such a disruption? ये पुलियाबाज़ी हमारे लिए तो काफ़ी मज़ेदार रही, आप भी हमारे साथ इस ख़याली पुलाव…
  continue reading
 
पिछले कुछ दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहे टकराव को आप सभी ने देखा ही होगा। इससे जुड़ी खबरें और अफवाहों से भी हम सभी वाकिफ हैं। ऐसे माहौल में क्यों न इस विषय को थोड़ी शांति से और अकादमिक दृष्टिकोण से देखा जाए? आज हमारे साथ पुलियाबाज़ी पर जुड़ रहे हैं अतुल मिश्रा, जो शिव नादर इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस में इंटरनैशनल रिलेशन्स के प्रोफेसर हैं। उनकी …
  continue reading
 
एक गणतंत्र में संविधान के ज़रिये सरकार की शक्ति पर रोक लगायी जाती है, पर भारत में हम देखते हैं कि अक्सर होता इससे ठीक उल्टा है। सरकार ही भारतीय नागरिकों पर इतनी रोक लगाती है कि पूछो ही मत। और हम नागरिकों को भी इसकी इतनी आदत पड़ चुकी है कि हम पूछते भी नहीं कि ये नियम हम पर क्यों लगाए जा रहे हैं। प्रणय ने तो बेकार नियमों के इस जाल को सरकार का चंगुल कहा…
  continue reading
 
The story of the Indian National Movement is often told from the accounts of great leaders like Gandhi, Nehru or Patel. However, India’s freedom struggle was a great cause that had attracted many young and bright minds of India at the time—Sarojini Naidu, Asaf Ali, Syed Hossain, and friends. The shared cause built many friendships—some survived the…
  continue reading
 
25 नवंबर 1949 के दिन डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान सभा में अपना आखिरी भाषण दिया था। ये भाषण ‘Grammar of Anarchy’ या ‘अराजकता का व्याकरण’ के नाम से जाना जाता है। संविधान का निर्माण हो चूका था, लेकिन राष्ट्र निर्माण का काम अभी बाकी था। क्या इस भगीरथ कार्य के लिए भारत का संविधान सही ढांचा प्रदान कर पायेगा? ड्राफ्टिंग कमिटी के चेयरमैन होने के नाते ब…
  continue reading
 
We live in a complex world. However, as humans, we are accustomed to finding answers by simplifying this complexity. But what do we do when simple models fail to answer the questions of complex systems? What are the methods to understand complex systems? What happens when we start looking at the world with the lens of complexity? We had a lot of fu…
  continue reading
 
This week on Puliyabaazi, we delve into the unique challenges faced by young men and boys—from the pressures of traditional masculinity and cultural expectations to mental health and the impact of issues like addiction and migration. Our guest Natasha Joshi, Associate Director at Rohini Nilekani Philanthropies, talks about the various initiatives t…
  continue reading
 
नमस्ते। इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर प्रणय ने एक मज़ेदार अवलोकन किया। प्रणय को लगता है कि आज की दुनिया ऐसी लगती है मानो कोई प्रियदर्शन फिल्म का क्लाइमेक्स चल रहा हो। कहीं भी, कभी भी, कुछ भी हो सकता है। ऐसे उलट पुलट के दौर में पुलियाबाज़ी पर इसका विश्लेषण तो बनता है। क्या होती है विश्व व्यवस्था? बदलती व्यवस्था के साथ क्या देशों के भाग्य भी बदलेंगे? और बदलें…
  continue reading
 
क्या हमारे देश की महिलाओं की आज़ादी पर एक लक्षमण रेखा खींची हुई है? क्या भारत में public sphere में औरतों की नागरिकता पर कुछ सीमाएं है और क्या खेल के ज़रिये इन बंदिशों से कुछ महिलाओं को मुक्ति मिल पाती है? आज की पुलियाबाज़ी पर बातचीत महिला एथलीट्स पर। चर्चा के लिए हमारे साथ जुड़ रही हैं लेखिका और पत्रकार सोहिनी चट्टोपाध्याय जिन्होंने अपनी किताब The Day…
  continue reading
 
नमस्ते दोस्तों। इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर चर्चा Critical Minerals याने कि महत्वपूर्ण खनिजों के बारे में। प्रेसिडेंट ट्रम्प और यूक्रेन के प्रेसिडेंट ज़ेलेन्स्की की मीटिंग के बाद ये मुद्दा चर्चा में है। कई लोग इन खनिजों की तुलना तेल से कर रहे हैं, पर क्या ये तुलना सही है? ये सवाल महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि इसी धारणा के ऊपर अगले कुछ दिनों में अंतरराष्ट्र…
  continue reading
 
With increasing political uncertainties, the risk of nuclear war has also risen. To highlight this heightened danger and urge greater caution, the Bulletin of the Atomic Scientists has moved the Doomsday Clock forward by one second, bringing us just 89 seconds away from catastrophe! But what does this really mean? We spoke with Dr. Manpreet Sethi, …
  continue reading
 
आज कल जिस तेज़ी से AI मॉडल्स आ रहे हैं, ये सवाल तो उठना जायज़ है कि क्या इंसानों की नौकरियाँ खतरे में हैं? इस सवाल का जवाब तो कोई नहीं जानता लेकिन इस पर पुलियाबाज़ी तो बनती है। आप भी सुनिए और हमें बताइये कि आप के विचार क्या हैं? क्या AI में आपको आपदा नज़र आती है या अवसर? We discuss: * How is Generative AI different from traditional computing? * How AI …
  continue reading
 
भारत में ज़मीन के दाम इतने ज़्यादा क्यों हैं? ये सवाल तो हम सभी के मन में उठता है और अक्सर हमें ये जवाब भी सुनने को मिलता है कि हमारी भारी जनसँख्या की वजह से भारत में ज़मीन की कमी है और इस लिए दाम भी ज़्यादा है। लेकिन आज के हमारे मेहमान इस मुद्दे को एक अलग दृष्टिकोण से देखते हैं। आज हमारे साथ पुलियाबाज़ी पर जुड़ रहे हैं प्रोफ़ेसर गुरबचन सिंह जिन्होंने भार…
  continue reading
 
नमस्कार दोस्तों! आज की पुलियाबाज़ी पर सौरभ हमें लेकर जायेंगे डीप टेक की दुनिया में। साथ ही, हम डीप टेक्नोलॉजी के कुछ अहम पहलुओं पर भी चर्चा करेंगे, जैसे इसका इकोसिस्टम कैसा है, भारत के लिए इस क्षेत्र में संभावनाएं क्या हैं और 'मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' के सिद्धांत को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। सौरभ की ये मास्टरक्लास सुनियेगा ज़रूर। We discuss: * W…
  continue reading
 
In this video, Pranay explains the secret of Maruti’s success story. How Maruti, a government-owned company, created history in India’s automobile sector. Was it because the government adopted a protectionist approach and kept foreign players out of the market? Or it did exactly opposite of this? Listen to this short explainer video based on insigh…
  continue reading
 
आज की पुलियाबाज़ी चोल साम्राज्य के बारे में। यह एकमात्र भारतीय साम्राज्य था जिसने उपमहाद्वीप के बाहर जाकर दक्षिणपूर्व एशिया तक जीत हाँसिल की थी। कोई पूछ सकता है कि 1000 साल पहले के साम्राज्य की कहानी से आज का क्या लेना देना। वैसे इस सवाल का जवाब तो हमारे मेहमान अनिरुद्ध कनिसेट्टी ही चर्चा के दौरान बहुत अच्छे से देते हैं। लम्बे जवाब के लिए तो चर्चा स…
  continue reading
 
With the return of President Trump, the US is renegotiating the terms of trade and engagement not only with its adversaries, but also its allies. This is surely an interesting time for the world of international relations and diplomacy. What are the characteristics of this new world order that is shaping up? What opportunities and threats does it p…
  continue reading
 
हमारी एलकोहॉल नियंत्रण पॉलिसी इतनी अजीबोग़रीब क्यों है? एलकोहॉल सेहत के लिए हानिकारक होने से ये बात तो जायज़ है कि सरकार इस पर कुछ नियंत्रण रखें और वो हमारी सरकारें रखती भी हैं। पर दूसरी तरफ सरकार को एलकोहॉल की बिक्री से मिल रहा टैक्स भी चाहिए। इसी दुविधा में सरकार भी कंफ्यूज हो जाती है कि आखिर वो करना क्या चाहती है। आज हम इस मुद्दे को एक केस स्टडी क…
  continue reading
 
पुलियाबाज़ी पर हर साल गणतंत्र दिवस पर हम संविधान या उससे जुड़े विषयों पर चर्चा करने की कोशिश करते हैं। इस साल हमने सोचा कि क्यों न हमारे संविधान के प्रमुख रचयिता डॉक्टर बी.आर. अंबेडकर के विचारों को और गहराई से समझा जाये। इस विषय पर पुलियाबाज़ी के लिए हमारे मेहमान है अशोक गोपाल जी जिन्होंने २० वर्षों की रिसर्च के बाद डॉ.अंबेडकर की जीवनी लिखी है। चर्चा …
  continue reading
 
भारत में 15 सितंबर को सर एम. विश्वेश्वरैया के जन्मदिन पर इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। विश्वेश्वरैया को अधिकतर भारतीय एक बड़े इंजीनियर के रूप में पहचानते हैं, लेकिन हम में से बहुत कम लोगों को उनके काम में बारे में पता होगा। विश्वेश्वरैया का आयुष्य और एक टेक्नोक्रैट के रूप में उनका करियर दोनों ही बड़े लम्बे रहे। इंडियन नेशनल कांग्रेस की स्थापना से लेकर…
  continue reading
 
नमस्ते। आपको नए वर्ष की बधाई। नए साल में खुशखबरी ये है कि पुलियाबाज़ीने Mercatus Center की Emergent Ventures ग्रांट जीती है। इससे पुलियाबाज़ी को और बेहतर करने की हमारी कोशिश जारी रह पायेगी। उम्मीद है कि आप नए साल में पुलियाबाज़ी परिवार का हिस्सा बने रहेंगे। तो चलिए, इसी के साथ साल की पहली पुलियाबाज़ी अमरीका की बदलती नीतियों पर। चीन के बढ़ते प्रभाव से अम…
  continue reading
 
२०२४ में पुलियाबाज़ी में कई नए प्रयास हुए। सबस्टैक और नयी वेबसाइट। ‘टिप्पणी’ में हमने हिंदी में लिखना भी शुरू किया। अब श्रोताओं को भी इसमें अपनी टिप्पणीयाँ जोड़ने का निमंत्रण दिया है। (लिंक) इन सब में साल कहाँ निकल गया पता ही नहीं चला। तो हमने सोचा थोड़ा ठहरके ये सोचा जाए कि इस साल में किन नए विचारों ने हमें उत्साहित किया। हमने क्या सोचा, क्या सीखा और…
  continue reading
 
इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी की मुलाकात हो रही है स्टोरीबाज़ी के साथ। आज हमारे ख़ास मेहमान हैं मशहूर हिंदी लेखक और कहानीकार दिव्य प्रकाश दुबे जिन्होंने कई बेस्टसेलिंग नवलकथाएँ लिखी हैं, स्टोरीटेलिंग के शो भी करते हैं, और फिल्मों में डायलॉग भी लिखे हैं। हिंदी साहित्य जगत में अपनी जगह बनाने के इस सफर को वो आज इस सहज बातचीत में शेयर करते हैं। दिव्य प्रकाश नये ज़म…
  continue reading
 
चीन की आर्थिक सफलता के पीछे कई विशेषज्ञ विभिन्न सेक्टरों में बेहतरी या इनोवेशन के अलग-अलग कारण बताते हैं। लेकिन क्या हम कुछ मूलभूत कारण सोच सकते हैं जो सभी क्षेत्रों में चीन की आर्थिक सफलता को समझा सकें? आज की पुलियाबाज़ी पर हम इस विषय पर सोच विचार करते हैं। और पिछले हफ्ते की चर्चा में कुछ तार अगर छूट गए हो तो उनको भी जोड़ने की कोशिश करते हैं, ताकि च…
  continue reading
 
भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश बन गया है। लेकिन उपभोक्ताओं की बड़ी जनसँख्या के बावजूद क्यों भारत विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में पीछे छूट रहा है? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए आज हम नज़र डालेंगे भारत और चीन के कंसम्पशन ट्रेंड्स पर। इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर हमारे मेहमान हैं तक्षशिला इंस्टीट्यूशन से जुड़े स्टाफ रि…
  continue reading
 
हम सफर क्यों करते हैं? जब हम अपने घर या शहर में रहते हैं, तो एक ही नज़रिये से दुनिया को देखने की आदत पड़ जाती है। सफर हमें मौका देता है कि हम अपने पुराने चश्मे उतारकर, दुनिया को एक नए नज़रिये से देखने की कोशिश करें। सफर का मतलब ही यह होता है कि हम अपनी आम ज़िन्दगी की उलझनों को थोड़ी देर के लिए भूलकर कुछ नया ढूंढने निकलें। अक्सर हमें यह पता नहीं होता कि…
  continue reading
 
पुलियाबाज़ी पर चर्चा में अक्सर ये बात उठती है कि भारत वैज्ञानिक संशोधन में दुसरे देशों की तुलना में कमज़ोर है। पर ऐसा क्यों? इस विषय पर पहले भी FAST, India और Change Engine के को-फाउंडर वरुण अग्गरवाल के साथ पुलियाबाज़ी हुई है। चर्चा को काफ़ी समय हो गया तो हमने सोचा कि इन वर्षों में रिसर्च और इनोवेशन की दुनिया में क्या बदलाव आये हैं इस पर और एक पुलियाबा…
  continue reading
 
Welcome to another edition of Puliyabaazi! In today’s episode, we dive into the world of data journalism with noted data journalist Rukmini S. She is the founder of Data for India, a public platform aimed at uncovering new insights about India through data. In this conversation, we discuss the current landscape of data journalism in India. Has the …
  continue reading
 
एक वोट, एक मूल्य ये प्रजातंत्र का मूल सिद्धांत है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, बदलती जनसंख्या के साथ लोकसभा की सीटों का बंटवारा भी बदलने की व्यवस्था हमारे संविधान में की गयी थी। हर दशकीय जनगणना के बाद जनसंख्या के अनुपात में सीटों का बंटवारा होना था। लेकिन, इमरजेंसी के दौरान इस व्यवस्था को पच्चीस सालों के लिए स्थगित कर दिया गया। २००१ में इस बंटवा…
  continue reading
 
एंटीबायोटिक की खोज मानव जाति के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था। इससे इंसानों का जीवनकाल बढ़ा और स्वास्थ्य सेवा में क्रांतिकारी बदलाव आया क्योंकि लोग अब मामूली चोटों और संक्रमणों के कारण नहीं मर रहे थे। लेकिन अब एक नया खतरा मंडरा रहा है - सुपरबग बैक्टीरिया अब तक खोजे गए एंटीबायोटिक्स के प्रति तेजी से प्रतिरोधी होते जा रहे हैं। एंटीबायोटिक प्रतिरोध को तेज…
  continue reading
 
Why is the housing market in India so expensive? Why is buying a house a decision fraught with risk and uncertainty? How can we find clues about the nexus between the builders and the politicians? This week, we speak to Vaidehi Tandel, an urban economist, who has researched into the issues that plague India’s housing market. भारत में घर इतने महंगे …
  continue reading
 
नमस्कार, जासूसी कथा और कमांडो मिशन के किस्सों में किसे दिलचस्पी नहीं होती। हालिया, आईसी-814 के हाईजैक पर सीरीज़ के चलते ये किस्सा फिर से चर्चा में है, तो हमने सोचा कि क्यों न किसी ऐसे मेहमान से बात की जाए जो खुद इस घटना में शामिल थें। आज की पुलियाबाज़ी पर हमारे मेहमान हैं आनंद आरणिजी जो IC-814 की घटना में उन पांच अफसरो में से थे जिन्हें भारत सरकार के…
  continue reading
 
Last week, the long ongoing conflict between Israel and Hezbollah saw an escalation with the blasts of pagers and other communication devices given to the members of Lebanon based political party and terrorist group Hezbollah. As we write this post, this situation is still evolving and it will take some time before the long term consequences of the…
  continue reading
 
इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर चर्चा चीन के बेलगाम उत्पादन की। क्या चीन के अतिरिक्त उत्पादन से दुनियाभर के देशों के उद्योग पर जोखिम मंडरा रहा है? कई देश इस पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं, तो ऐसे में भारत को क्या करना चाहिए? चीन की मैन्युफैक्चरिंग से हम क्या सीख सकते है? इन सब बातों पर चर्चा आज की पुलियाबाज़ी पर। We discuss: * China’s overcapacity—a struct…
  continue reading
 
इस पुलियाबाज़ी पर हमारे मेहमान हैं जावीद अहमद जी जो उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी रह चुके हैं, और एक आईपीएस अधिकारी के रूप में विभिन्न भूमिकाओं में काम कर चुके हैं। एक पुलिस अधिकारी को किन हालात में काम करना पड़ता है? उनकी कार्य परिस्थितियाँ कैसी हैं और पुलिस सुधारों की कमी हमारे समाज को कैसे प्रभावित करती है। आज पुलिया पर इन सब बातों पर खुलकर …
  continue reading
 
आज पुलियाबाज़ी की २५०वि कड़ी प्रस्तुत है। इस सफर में हमारे साथ जुड़े रहने के लिए शुक्रिया। इस ख़ास मौके पर चर्चा रोज़गार के विषय पर। भारत में समस्या रोज़गार की है या वेतन की? क्या दिक्कतें है जिनकी वजह से भारत में कृषि सेक्टर से मैन्युफैक्चरिंग की तरफ नौकरियों का स्थानांतरण नहीं हो पाया? भविष्य में नौकरियाँ कहाँ से आएगी? इन सब बातों पर चर्चा TeamLease Se…
  continue reading
 
प्रिय श्रोतागण, आज 249वी पुलियाबाज़ी पर एक अनूठे विषय पर चर्चा प्रस्तुत है। हम ने लोकनीति, टेक्नोलॉजी और सांस्कृतिक विषयों पर काफ़ी बातचीत की है, लेकिन किसी भी भाषा के साहित्य पर बहुत ज़्यादा चर्चा नहीं हुई है। अमित बसोले जी के साथ भक्ति मार्ग के विषय पर बात करते वक़्त कुछ भक्ति काव्य की बात हुई थी, पर उस चर्चा में मुख्य विषय अलग था। आज की चर्चा का विष…
  continue reading
 
हालिया बजट के बाद कई राज्य सरकारें आंध्र प्रदेश और बिहार राज्य को दिए जा रहे स्पेशल पैकेज के बारे में शिकायत करते हुए पाई गई। पर इससे बड़ा मुद्दा है केंद्र सरकार और राज्यों के बीच वित्तीय वितरण का। 62% राजस्व केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है जब कि राज्य सरकारें 62% खर्चे के लिए जिम्मेदार हैं। यह राजकोषीय असंतुलन राज्यों की अपनी जिम्मेदारियों क…
  continue reading
 
Loading …

त्वरित संदर्भ मार्गदर्शिका

अन्वेषण करते समय इस शो को सुनें
प्ले